युवा दिलो की धड़कन, हमारे लोकप्रिय विधायक म. साहब रणधीर सिंह जी भींडर द्वारा 6 वे सत्र में पूछा गया सवाल
प्रश्न-
1. क्या यह सही है कि प्रदेश में किसानों की
फसलों को रोजडो द्वारा नुकसान पहुंचाना जा रहा है ? यदि हां, तो सरकार
द्वारा इस समस्या के निदान हेतु अब तक क्या प्रयास किये। 2. क्या सरकार नरेगा के अन्तर्गत खेतों की बाउन्ड्रीवाल बनाकर रोजडों से फसलों को बचाने का विचार रखती है ? यदि हां, तो कब तक व नहीं, तो क्यों ? विवरण सदन की मेज पर रखें। |
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उत्तर- |
(1)
जी हा, वर्ष 2016-17 के लिए की गई बजट घोषणाओं में चारागाह एवं वन
क्षेत्रों के अलावा महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम के तहत पात्र परिवारों की
निजी भूमि की फसलों को आवारा पशुओं, रोजडों आदि से बचाने की एक नवीन योजना
प्रारम्भ् करने की घोषणा की गई है।
वन
विभाग द्वारा वन्य जीवों के उनके प्राकृतिक आवास (वन क्षेत्रों व
संरक्षित क्षेत्रों) से बाहर संभावित अधिकतम विचरण स्थलों को चिन्हित कर
ऐसी सीमाओं पर प्राथमिकता से दीवार निर्माण कार्य विभिन्न योजनाओं के तहत
कराया जा रहा है।
रोजडों
की संख्या नियंत्रण के उपायों की दिशा में रोजडों के बंधियाकरण की एक
प्रायोगिक परियोजना बनाई गई है। प्रथमत: इस योजना की व्यावहारिकता का
परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है।
वर्तमान
में फसलों को क्षति पहुचाने वाले रोजडों को प्रभावित कृषक के आवेदन पर
मारने हेतु स्वीकृति दिये जाने का प्रावधान भी किया हुआ है।
उद्यान विभाग व कृषि विभाग द्वारा किसानों को फसलों की सुरक्षा हेतु उनके खेत की तारबन्दी करने के लिए अनुदान देने हेतु किसी योजना में कोई प्रावधान नहीं है। (2) महात्मा गांधी नरेगा योजनानतर्गत पात्र काश्तकारों के खेतों में डिच कम बण्ड, सूखे पत्थरो से चिनाई, मड मोर्टार में चिनाई, थोर फैन्सिंग आदि के द्वारा मेडबंदी कराई जा रही है। |
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